इंदौर: मनीषा साकेत उर्फ दिव्या भारती निवासी अभिनव नगर द्वारा दर्ज किए गए धोखाधड़ी और अवैध धन वसूली के मामले में नया मोड़ आया है। आरोप है कि निजी अस्पताल में कार्यरत मनीषा साकेत उर्फ दिव्या भारती ने पंकज पर केस वापस लेने का दबाव बनाया। इसमें उसके साथ राहुल पंजवानी, दानिश खान और लोकेश कोठरे भी शामिल बताए जा रहे हैं।
मामले की पृष्ठभूमि मूल रूप से रीवा, मध्यप्रदेश की रहने वाली मनीषा ने पंकज से ₹2 लाख उधार लिए थे, लेकिन वापस न करने के कारण पंकज ने अगस्त में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और अवैध धन वसूली का मामला दर्ज कराया। केस पंकज के पक्ष में जाता देख मनीषा और उसके साथियों ने उसे धमकाने का प्रयास किया।
मोबाइल शॉप पर रची गई साजिश एरोड्रम थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, टावर चौराहा स्थित भाटिया मोबाइल शॉप (जिसका संचालन यश भाटिया करते हैं) पर यह साजिश रची गई। दानिश खान, जो यहां मोबाइल सुधारने का कार्य करता है, के सामने मनीषा ने अपने केस का जिक्र किया। इसके बाद राहुल पंजवानी ने पंकज को समझाने की बात कही, जिसमें लोकेश कोठरे भी शामिल रहा।
पुलिस कार्रवाई और जांच जारी पंकज को धमकी भरे फोन कॉल आने के बाद उन्होंने तुरंत एरोड्रम थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मनीषा, राहुल, दानिश और लोकेश के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
आरोपों के घेरे में मनीषा का वित्तीय व्यवहार पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि मनीषा पहले भी कई लोगों से उधार लेकर वापस नहीं करने और धमकी देकर पीछा छुड़ाने में संलिप्त रही है। इसमें अस्पताल में आने वाले मरीज भी शामिल हैं।
इस मामले में भाटिया मोबाइल शॉप के संचालक यश भाटिया ने जमानत दी है। पुलिस इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही नए खुलासे हो सकते हैं।